Priyanka Verma

Add To collaction

लेखनी _ स्त्री या स्वयं समर्पण


स्त्री या स्वयं समर्पण 


अपनी बात को बस कुछ ही शब्दों में कहती हूं,
समर्पण की पराकाष्ठा को स्त्री से जोड़ती हूं,

अगर जानना, समझना चाहते हो, इस भाव को,
तो पहले समझो नारी के कोमल स्वभाव को,
समर्पण क्या है? पूछो उस मासूम बच्ची से,
जो एक पिता के सम्मान के लिए,
अपनी इच्छाएं बताती ही नही अपने होठों से,
पूछना है तो पूछो उस नवयौवना से,
जो अग्नि के लेते ही सात फेरे,
करती है सर्वस्व समर्पित, अपने प्रियतम को,
बिना रुके बिना थके, लग जाती है,
संवारने सजाने अपने पिय के घर को,
जहां उसके नाम तक की कोई तख्ती नही होती,
मगर उसे परवाह नहीं, उस मकान को
स्वर्ग सा बनाने में कसर नहीं छोड़ती,
समर्पण का अर्थ जानना है, तो पूछो,
एक मां से, जो अपने खून से सींचती है,
अपने प्रेम के पौधे को,
बदले में कोई चाह ना रखती है,
समर्पण के भाव को तो स्वयं ईश्वर ने भी,
एक स्त्री स्वरूप में देखा है,
कभी, राधा, कभी मीरा तो कभी सती सावित्री सीता है।।

प्रियंका वर्मा
7/11/22

   11
7 Comments

Priyanka Verma

08-Nov-2022 07:09 AM

Thank you so much 🙏 all my dear friends, you all are inspiration to me💐💐💐🎊🎉🎉🌼✨✨✨✨✨✨✨

Reply

Raziya bano

07-Nov-2022 08:26 PM

बहुत खूब

Reply

Gunjan Kamal

07-Nov-2022 08:10 PM

यथार्थ

Reply